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Showing posts from December, 2022

Force, physics from basic for 10th/12th and other exam

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  बल(force ) -  बल  किसी  वस्तु  के  आवस्था  में  परिवर्तन  लाता  है या  लाने  का प्रयन्त  करता  है।  यह  सदिश  राशि  है।  इसका  S.I unit Newton है।                         1N = 10⁵  dyne  गति संबंधित Newton के नियम -- Newton ने गति से संबंधित तीन नियम दिय है। 1)Newton के प्रथम नियम(first law of newton)-  इसे गैलिलियो या जड़त्व का नियम भी कहते है। इसके द्वारा बल का परिभाषा मिलता है। ㇐ जड़त्व(Inertia)-   वस्तु का वह गुण जिसके कारण वस्तु अपना आवस्था परिवर्तन का विरोध करे जड़त्व कहलाता है।    जड़त्व 𐩇 द्रव्यमान भारी वस्तु अपने आवस्था परिवर्तन का अधिक विऱोध करेगी। जड़त्व दो प्रकार का होता है। a) गति का जड़त्व -  यदि कोई वस्तु गतिशील है तो वह गतिशील ही रहेगी जब तक की उसे रोकने के लिए वाहय बल न लगाया जाय। जैसे - अचानक गारी के रुकने से यात्री आगे की ओर झुक जाता है , तेजी से  दौड़ता हुआ धावक अचानक नहीं रुकता है। b) विराम का जरत्व -  यदि कोई वस्तु रुकी हुई है तो वह वस्तु रुकी ही रहेगी जब तक की उसपर वाहय बल न लगे। जैसे - दरी , कपड़ा , कंबल को झारने पर धूल का गिरना , अचानक गारी चलने से यात्री का पीछे झु

Projectile motion from basic in hindi language for 10th/12th/competative exam

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  प्रक्षेप  गति (Projectile motion) -  जब किसी वस्तु को धरातल के साथ किसी कोण पर फेका जाता है तो इसकी गति को प्रक्षेप गति कहते है।  जैसे - धनुष , तोप , भाला etc परास(Range) - प्रक्षेप के दौरान वस्तु जितनी दुरी पर जाकर गिरी  रहती है उस दुरी को परास कहते है।                 परास (𝐑) - 𝐮²sin 2𝜭➗g अधिकतम परास प्राप्त करने के लिए 𝜭 = 45⁰ होना चाहिए। उड्यन काल (Flight   time)  -  प्रक्षेप गति के दौरान कोई वस्तु जितनी देर हवा में रहता है उस समय को उड्यन काल कहते है।        उड्यन काल (𝐓) = 2𝐮 sin𝜭 ➗𝙜 महत्तम ऊंचाई (Max. height) - प्रक्षेप के द्वारा प्राप्त की गई अधिकतम ऊंचाई को महत्तम ऊंचाई कहते है। महत्तम ऊंचाई (𝐇) = 𝐮²sin²𝝷 ➗ 2g By Prashant Click here For Biology

about Oppose gravitional motion from basic for all exam./10th/12th class of physics

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   गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध गति -  जब हम  पृथ्वी सतह को छोड़कर ऊपर हवा में गति करते है तो वह गति गुरुत्वाकर्षण के आधीन आती है। गुरुत्वी गति में गुरुत्वीय त्वरण 𝓖 कम करता है। 𝓖 का value  9.8 m/s² होता है। जब हम पृथ्वी सतह  से ऊपर की ओर जाते है तो 𝓖 का मान ऋणात्मक(-ve ) होता है और जब हम ऊपर से निचे की ओर गति करते है तो 𝓖 का मान धनात्मक(➕ve) होता है। इस स्थिति में गति का समीकरण - १) 𝙫 = 𝙪 ➕𝙜𝙩    २) 𝙨 = 𝙪𝙩 ➕ 1 ➗ 2 𝙜𝙩²    ३) 𝙫²  = 𝙪²➕ 2 𝙜𝙨, जहा 𝘀 = दुरी By Prashant Click here for Biology

Relation between linear and angular velocity/Speed/Velocity/Acceleration from basic for 10th/12th and other exam physics

  ➤ रखिये  वेग तथा कोणिय वेग में समबन्ध , V = r 𝛚 ➤चाल(Speed) -   चाल  एक  अदिश  राशि  है।   इसका  मात्रक  m /s  होता  है।  बिमा  [𝐌𝐋𝐓-1 ] होता  है।   चाल  = दुरी  ➗ समय  ➤वेग (Velocity ) -  यह  एक  अदिश  राशि  है।    इसका  मात्रक  m /s  होया।  बिमा  [ 𝐌𝐋𝐓-1 ] वेग  = विस्थापन  ➗ समय  ➨प्रारम्भिक  वेग  -  जिस  वेग  से  वस्तु  चलना  प्रारम्भ  करती  है, उसे  प्रारम्भिक  वेग  कहते  है।   इसे  𝓤 से दिखते  है।   यदि  कोई  वस्तु  विराम  आवस्था  से  चलना  प्रारम्भ  की  है  तो  उसका  प्रारम्भिक  वेग  𝓤 = 0 होता  है।  ➨अंतिम  वेग  -  ये  किसी  वस्तु  के गति  प्रारम्भ  होने  के बाद  के  स्थिति  को  दर्शाता  है।  यदि  कोई  वस्तु  रुक  गई  है  तो  उसका  अंतिम  वेग  𝓥 होता  है ➤त्वरण (Acceleration ) -  वेग  परिवर्तन  की दर  को  त्वरण  कहते  है।    यह  अदिश  राशि  है।  इसका  मात्रक  𝒎 /𝒔 2  होता  है।     बिमा [𝑴𝑳𝑻-2]   यदि    चाल नियत (fixed ) है तो त्वरण शून्य होगा।  नोट  - वृतिय पथ पर चाल नियत होने के वायजूद वेग परिवर्तन होते रहता है जिस कारण त्वरण होता है।                          

Angular Velocity

click here for Chemistry   ➤कोणीय  वेग (Angular Velocity) -  किसी वृतिय पथ पर 𝚹 कोण घूमने में लगा समय कोणिय वेग कहलाता है। अर्थात 𝚹 कोण के दर को कोणिय वेग कहते है। 𝛚 = 𝚹 ➗ t  or 𝝎 = 360 ➗ t  or 𝛚 = 2𝞹➗                                                        By Prashant

about Motion/Distance/ Displacement from basic for all exam./10th/12th class of physics

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click here for Chemistry   गति , दुरी  और विस्थापन गति(Motion)-   जब किसी वस्तु के स्थिति में समय के सापेक्ष परिवर्तन देखा जाता है तो उसे गति कहते है। दुरी(Distance)-   दो बिंदुओं के बिच के  लम्बाई को दुरी कहते है। यह एक अदिश राशि है। यह कभी भी शून्य नहीं हो सकती। इसका मात्रक मीटर  तथा बिमा लम्बाई होता है। Note - जब कोई वस्तु वृतीय मार्ग पर गति करती है तो उसके द्वारा तैय की गई दुरी , d = 2𝛑 r n , जहां n चकरो की सखया है। विस्थापन(Displacement)-   दो बिंदुओं के बिच के न्यूनतम दुरी को विस्थापन कहते है। यह सदिश राशि है। यह धनात्मक ,ऋणात्मक तथा शून्य हो सकता है।            दुरी ≥ विस्थापन             By Prashant