Click here for Biology संवेग(momentum) - द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल को संवेग कहते है। यह सदिश राशि है। इसका विमा [𝐌𝐋𝐓⁻¹] momentum (P) = 𝐦 .𝐯 = 𝐤𝐠 ✖ 𝐦 ➗ 𝐬 = 𝒌𝒈𝒎∕𝒔 आवेग (Impulse) - जब बहुत बड़ा बल बहुत छोटे समय के लिए किसी वस्तु पर कार्य करता है तो उसे आवेग कहते है। यह सदिश राशि है। इसका विमा [𝐌𝐋𝐓⁻¹] आवेग = बल ✖ समय = 𝐤𝐠✖𝒎➗ 𝒔² ✖ 𝒔 = 𝒌𝒈𝒎∕𝒔 जैंसे - कैच लेते समय खिलाड़ी को चोट लगना , अचानक गिरने पर हहडी का टूट जाना , सर्कश में कई ईटो को एक बार में तोर देना , अचानक ब्रेकर पर तेजी से गारी ले जाने पर झटका लगना। आवेग तथा संवेग में संबंध - इन दोनों का मात्रा तथा विमा समान होता है। आवेग = बल ✖ समय = 𝐦𝐚 ✖ 𝐭 = 𝐦 (𝐯₂- 𝐯₁ ) ...
Click here for Biology ➤ Magnet ( चुंबक )- यह एक काले रंग का पदार्थ होता है, जिसमे आकर्षण तथा प्रतिकर्षण का गुण देखा जाता है। हालांकि चुंबक की असली पहचान प्रतिकर्षण से होता है। चुंबक लोहे का अयस्क मैगनेटिक (Fe₃O₄) होता है। चुंबक को दिशा सूचक या Load Stone भी कहते हैं। अस्थायी चुंबक को बनाने के लिए नर्म लोहा का प्रयोग करते है, जबकि स्थायी चुंबक के लिए स्टील ( इस्पात ) का प्रयोग करते है। अस्थायी चुंबक में चुंबकीय क्षेत्र स्थिर नहीं होता है। इसमें DC Current का प्रयोग किया जाता हैं। विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव का खोज आस्टेड ने किया। किसी भी चुंबक में दो ध्रूव होते हैं- North pole - यह धनात्मक होता हैं। South pole - यह ऋणात्मक होता हैं। यदि किसी चुंबक को n भागो में बाट दिया जाये तो पुनः ध्रुव का निर्माण हो जायगी। चुंबक का ध्रुव ठीक किनारे न होकर उसके कुछ अंदर होता हैं। ➤चुंबकीय बल रेखाय- जहाँ तक चुंबकीय बल को महसूस किया जाता है, उसे मिलाने वाली काल्पनिक रेखा को चुंबकीय बल रेखा कहते है। चुंबक के बाहर यह उत...
Click here for Biology ➤ Wheat Stone bridge- यह बहुत ही छोटे प्रतिरोध के लिए काम करता है। जब यह संचालित आवस्था में रहता है तो इससे धारा प्रवाहित नहीं होती, इसके मदद से अज्ञात प्रतिरोध को ज्ञात किया जा सकता है। इसका आकार समानांतर के समान होता है। ➤ ओम का नियम - यदि किसी चालक की भौतिक अवस्था को न बदला जाय तो इसके विभावंतर एव उसमे प्रवाहित होने वाला धारा का अनुपात नियत रहता हैं। R = V ➗ I प्रतिरोध का मात्रक ओम/ वोल्ट/एम्पियर ओम के नियम का ग्राफ एक सीधी रेखा प्राप्त होती हैं। ओम का नियम DC Current पर लागु होता है। यह धात्विक चालकों पर लागु होता हैं। अर्द्धचालक जर्मेनियम, सिलिकॉन, डायोड, ट्रायोड, ट्रांजिस्टर आदि पर ओम का नियम लागु नहीं होता है। इनपर चाइल्ड लंगमुन का नियम काम करता हैं। I = V³/² By Prashant
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