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प्रक्षेप  गति (Projectile motion) - 





जब किसी वस्तु को धरातल के साथ किसी कोण पर फेका जाता है तो 

इसकी गति को प्रक्षेप गति कहते है।  जैसे - धनुष , तोप , भाला etc




परास(Range) - 

प्रक्षेप के दौरान वस्तु जितनी दुरी पर जाकर गिरी  रहती है उस दुरी को 

परास कहते है।
        
परास (𝐑) - 𝐮²sin 2𝜭➗g

अधिकतम परास प्राप्त करने के लिए 𝜭 = 45⁰ होना चाहिए।

उड्यन काल (Flight time) -

 प्रक्षेप गति के दौरान कोई वस्तु जितनी देर हवा में रहता है उस समय को 

उड्यन काल कहते है।
       
उड्यन काल (𝐓) = 2𝐮 sin𝜭 ➗𝙜

महत्तम ऊंचाई (Max. height) - 

प्रक्षेप के द्वारा प्राप्त की गई अधिकतम ऊंचाई को महत्तम ऊंचाई कहते है।

  महत्तम ऊंचाई (𝐇) = 𝐮²sin²𝝷 ➗ 2g

                                              

बल(force ) - 

बल  किसी  वस्तु  के  आवस्था  में  परिवर्तन  लाता  है या  लाने  का प्रयन्त  

करता  है।  यह  सदिश  राशि  है।  इसका  S.I unit Newton है। 
                     
 1N = 10⁵  dyne 

गति संबंधित Newton के नियम --

Newton ने गति से संबंधित तीन नियम दिय है।

1)Newton के प्रथम नियम(first law of newton)-

 इसे गैलिलियो या जड़त्व का नियम भी कहते है  इसके द्वारा बल का 

परिभाषा मिलता है।

㇐ जड़त्व(Inertia)- 

 वस्तु का वह गुण जिसके कारण वस्तु अपना आवस्था परिवर्तन का विरोध 

करे जड़त्व कहलाता है।
  
 जड़त्व 𐩇 द्रव्यमान

भारी वस्तु अपने आवस्था परिवर्तन का अधिक विऱोध करेगी।

जड़त्व दो प्रकार का होता है।

a) गति का जड़त्व -

 यदि कोई वस्तु गतिशील है तो वह गतिशील ही रहेगी जब तक की उसे 

रोकने के लिए वाहय बल न लगाया जाय।

जैसे - अचानक गारी के रुकने से यात्री आगे की ओर झुक जाता है , तेजी 

से  दौड़ता हुआ धावक अचानक नहीं रुकता है।

b) विराम का जरत्व -

 यदि कोई वस्तु रुकी हुई है तो वह वस्तु रुकी ही रहेगी जब तक की उस 

पर वाहय बल न लागे।

जैसे - दरी , कपड़ा , कंबल को झारने पर धूल का गिरना , अचानक गारी 

चलने से यात्री का पीछे झुक जाना , सीसे पर गोली मरने से सीसे में छिद हो जाना।


2) Newton के दिव्तीय नियम (Second law of newton ) - 

 इस नियम द्वारा बल का समीकरण प्राप्त होता है।  इसके अनुसार संवेग 

परिवर्तन का दर के समानुपा होता है।
        
संवेग(P) = mV             

 🔺P = mv - mV➗ t
               
  P  = mv               🔺P = m(v  - V) ➗ t                    

 𝐅 = 𝐦.𝐚

3)Newton के तृतीय नियम(third law of newton) -

 इसे बल की प्रकृति(गुण) का पाता चलता है।  इसे क्रिया या 

प्रतिक्रिया(action/reaction ) का नियम भी कहते है।

इसके अनुसार प्रत्येक बल का बराबर तथा बिपरीत दिशा में प्रतिक्रिया लगता है।

जैसे - नाव से उतरने पर नाव पीछे चली जाती है। , बंदूक से गोली चलने पर 
पीछे झटका देता है , Rocket निचे की ओर बल लगाता है जिस कारण वह ऊपर की ओर जाता है।

नोट - बालू पर चलना कठिन होता है क्योकि वहां प्रतिक्रिया बल कम होता है।

                                


By Prashant

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