about projectile motion/force/newton's motion law railway/ssc/defence/state exam./10th/12th/points to points/physics-83
प्रक्षेप  गति (Projectile motion) - 
जब किसी वस्तु को धरातल के साथ किसी कोण पर फेका जाता है तो 
इसकी गति को प्रक्षेप गति कहते है।  जैसे - धनुष , तोप , भाला etc
परास(Range) - 
प्रक्षेप के दौरान वस्तु जितनी दुरी पर जाकर गिरी  रहती है उस दुरी को 
परास कहते है।
परास (𝐑) - 𝐮²sin 2𝜭➗g
अधिकतम परास प्राप्त करने के लिए 𝜭 = 45⁰ होना चाहिए।
उड्यन काल (Flight time) -
 प्रक्षेप गति के दौरान कोई वस्तु जितनी देर हवा में रहता है उस समय को 
उड्यन काल कहते है।
उड्यन काल (𝐓) = 2𝐮 sin𝜭 ➗𝙜
महत्तम ऊंचाई (Max. height) - 
प्रक्षेप के द्वारा प्राप्त की गई अधिकतम ऊंचाई को महत्तम ऊंचाई कहते है।
  महत्तम ऊंचाई (𝐇) = 𝐮²sin²𝝷 ➗ 2g
बल(force ) - 
बल  किसी  वस्तु  के  आवस्था  में  परिवर्तन  लाता  है या  लाने  का प्रयन्त  
करता  है।  यह  सदिश  राशि  है।  इसका  S.I unit Newton है। 
 1N = 10⁵  dyne 
गति संबंधित Newton के नियम --
Newton ने गति से संबंधित तीन नियम दिय है।
1)Newton के प्रथम नियम(first law of newton)-
 इसे गैलिलियो या जड़त्व का नियम भी कहते है  इसके द्वारा बल का 
परिभाषा मिलता है।
㇐ जड़त्व(Inertia)- 
 वस्तु का वह गुण जिसके कारण वस्तु अपना आवस्था परिवर्तन का विरोध 
करे जड़त्व कहलाता है।
 जड़त्व 𐩇 द्रव्यमान
भारी वस्तु अपने आवस्था परिवर्तन का अधिक विऱोध करेगी।
जड़त्व दो प्रकार का होता है।
a) गति का जड़त्व -
 यदि कोई वस्तु गतिशील है तो वह गतिशील ही रहेगी जब तक की उसे 
रोकने के लिए वाहय बल न लगाया जाय।
जैसे - अचानक गारी के रुकने से यात्री आगे की ओर झुक जाता है , तेजी 
से  दौड़ता हुआ धावक अचानक नहीं रुकता है।
b) विराम का जरत्व -
 यदि कोई वस्तु रुकी हुई है तो वह वस्तु रुकी ही रहेगी जब तक की उस 
पर वाहय बल न लागे।
जैसे - दरी , कपड़ा , कंबल को झारने पर धूल का गिरना , अचानक गारी 
चलने से यात्री का पीछे झुक जाना , सीसे पर गोली मरने से सीसे में छिद हो जाना।
2) Newton के दिव्तीय नियम (Second law of newton ) - 
 इस नियम द्वारा बल का समीकरण प्राप्त होता है।  इसके अनुसार संवेग 
परिवर्तन का दर के समानुपा होता है।
संवेग(P) = mV             
 🔺P = mv - mV➗ t
  P  = mv               🔺P = m(v  - V) ➗ t                    
 𝐅 = 𝐦.𝐚
3)Newton के तृतीय नियम(third law of newton) -
 इसे बल की प्रकृति(गुण) का पाता चलता है।  इसे क्रिया या 
प्रतिक्रिया(action/reaction ) का नियम भी कहते है।
इसके अनुसार प्रत्येक बल का बराबर तथा बिपरीत दिशा में प्रतिक्रिया लगता है।
जैसे - नाव से उतरने पर नाव पीछे चली जाती है। , बंदूक से गोली चलने पर 
पीछे झटका देता है , Rocket निचे की ओर बल लगाता है जिस कारण वह ऊपर की ओर जाता है।
नोट - बालू पर चलना कठिन होता है क्योकि वहां प्रतिक्रिया बल कम होता है।
By Prashant


 
 
 
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