about friction/simple machine/machanical advantage/यांत्रिक लाभ/त्तोलकउ के प्रकार/उत्तोलक/साधारण मशीन/घर्षण for ssc/railway/defence/air-force/navey/state level exam./10th/12th/points to points physics-85

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➤घर्षण(friction) - 


घर्षण एक प्रकार का बल है जो हमेशा गति का विरोध करता है , जिस कारण यह गति के विपरीत कार्य करता है।  
घर्षण के कारण मशीनों में घिसावट होती है और हम चल पाते है। घर्षण को कम करने के लिए कई उपाय है -

1) सर्पी घर्षण को लोटनी घर्षण में बदल दे 

2) सतह पर पॉलिश कर दे 

3) वस्तु को एक विशेष आकार प्रदान करना 

4) सनेहक मिला देना , जैसे - मोबिल , ग्रीश , तेल , ग्रेफाइट , ग्रेसलीन , पाउडर , थूक आदि 

नोट - घर्षण बल के  तल के क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता है बल्कि यह तल के प्राकृतिक पर निर्भर करता है।  
       - यदि तल ऊबर-खाबर(खुदरा)है तो घर्षण अधिक लगेगा। 
बर्फ पर घर्षण कम होने के कारण चलना कठिन होता है। 
                          गति > घर्षण 

घर्षण के प्रकार - स्थैतिक घर्षण > सर्पी घर्षण > लोटनी घर्षण 

➤घर्षण गुणाक - 

इसे 𝞵 से दिखते है।  𝞵 का कोई भी विमा तथा मात्रक नहीं होता है।  
 𝙁 =   𝞵𝙍            or  𝞵 = 𝟊➗𝐑 ,
घर्षण गुणाक तथा घर्षण कोण में संबन्ध -
  𝞵= tan𝞠 , 𝞠 = घर्षण कोण 

घर्षण गुणाक के स्थिति में किसी वस्तु के रुकने में लगाया गया समय 𝙩 हो तथा वेग 𝙫 हो तो - 
                          𝙩 = 𝙫 ➗ 𝞵𝙜
घर्षण गुणाक के स्थिति में किसी वस्तु को रुकने से पहले तैय की गई दुरी यदि 𝐬 हो तथा वेग 𝐯 हो तो - 
                         𝐬 = 𝐯² ➗ 2𝞵𝐠
 
➤सीमांत घर्षण - 

स्थैतिज घर्षण का वह अधिकतम मान जिसमे थोड़ा सा भी वृद्धि करने पर चल परे सीमांत घर्षण कहलाता है।  

            
➤साधारण मशीन(simple machine) - 

वैसी युक्ति जो हमारे कार्यो को आसान करे साधारण मशीन कहलाता है। 

➤उत्तोलक - 

यह एक प्रकार का साधारण मशीन है इसमें आयास , आलम्ब , तथा भार होता है। 

➤आयास -

उत्तोलक पर जिस स्थान से बल लगाया जाता है उसे आयास कहते है। 

➤भार(load) -

उत्तोलक जिस स्थान पर किसी वस्तु को उठाती है वह वस्तु वाला स्थान ही भार कहलाता है। 

➤आलम्ब(फलक्रम) -

उत्तोलक जिस स्थान से घूमता है उस स्थान को आलम्ब कहते है। 

➤त्तोलकउ के प्रकार - 

यह तीन प्रकार का होता है।

1) प्रथम श्रेणी का उत्तोलक - 

इसमें आलम्ब बिच में होता है। 
जैसे - कैची , नेल-कटर , पिलास , साइकल का ब्रेक , हेंड पम्प , तराजू , सीसा(बच्चे वाला झूला) आदि

2) द्वितीय श्रेणी का उत्तोलक - 

इसमें भार बिच में होता है। 
जैसे - कूड़ा कचरा उठाने वाली गारी , निम्बू निचोड़ने की मशीन , दरवाजा , सरौता आदि

3) तृतीय श्रेणी का उत्तोलक -

इसमें आयास बिच में होता है। 
जैसे - किसान का हल , मानव का हाथ , चिमटा आदि

  ➤भार भुजा - 

भार तथा आलम्ब के बिच की दुरी को भार भुजा कहते है। 

➤ आयास भुजा -

भार तथा आलम्ब के बिच की दुरी को भार भिजा कहते है। 

➤यांत्रिक लाभ(machanical advantage) - 

आयास भुजा तथा भार के अनुपात को यांत्रिक लाभ कहते कहते है
आयास भुजा जितना अधिक रहेगा यांत्रिक लाभ उतना ही अधिक रहेगा और कार्य करने में आसानी होगी। 

   𝐌𝐀 = आयास भुजा ➗ भार  भुजा
   
  
By Prashant       

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