Units and Dimensions in hindi physics for all examination
मात्रक एव बिमा
मात्रक - किसी भौतिक राशि को ब्यक्त करने वाली साधन को मात्रक कहते हैं.
मात्रक दो प्रकार का होता है/
1) मूल मात्रक - मूल मात्रक स्वतत्र मात्रक होते है। इनके साथ कोई दुसरा मात्रक नहीं आता हैं। इनकी कुल नंबर 7 होती है।
राशि मात्रक बिमा
a )लम्बाई मीटर [l ]
b )समय सेकेण्ड [t ]
c )द्रब्यमान किलोग्राम [m ]
d )तापमान केल्विन [k ] और [थिटा]
e )ज्योति तिव्रता कैंडेला [cd]
f )बिधुत धारा एम्पियर [a] or [i]
g )पदार्थ की मात्रा मोल no dimension
2 ) ब्युत्पन मात्रक - ये मात्रक मूल मात्रक से मिलकर बने होते है,अतः इसमें दो या दो से अधिक मूल मात्रक का प्रयोग होता है.
जैसे -
area - लम्बाई ✖ चौराई
कार्य - बल ✖बिस्थापन
चाल - दुरी /समय
आयतन - लम्बाई ✖चौड़ाई ✖ऊंचाई
त्वरण - वेग /समय
घनत्व - द्रब्यमान ⁄ आयतन
बल - द्रब्यमान ✖त्वरण
आवेग - बल ✖ समय
मात्रक की पध्दति - इसकी 4 पध्दति है।
1) c g s (centimeter gram second )- इस पध्दति को franch पध्दति भी कहते है।
2) f p s (foot pound second )- इस पध्दति को british पध्दति भी कहते है।
3) m k s (meter kegi second - इस पध्दति को ब्यवसायिक पध्दति या मिट्टी पध्दति भी कहते है।
4 ) s. i (international standard of unit )- बर्तमान में si पध्दति का प्रयोग होता है। इसे 1 9 6 0 में Geneva (switzerland) में अन्तराष्ट्रिय माप-तौल अधिवेशन में अपनाया गया।
बिमा - इसके द्वारा किसी भौतिक राशि को संकेत के रूप में लिखा जाता है।
बिमा , धनात्मक ,रिधनात्म्क या शुय हो सकती है।
जैसे - लम्बाई - m - [l ]
- द्रब्यमान- kg - [m]
-Area - l ✖b [l squre ]
सावसगता का नियम- इसके अनुसार किसी भी सूत्र में आये हुए सभी पद का बिमा समान होता है।
By Prashant
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