about gravity force/weight/mass/from basic for 10th/12/ssc/railway/other exam/in hindi language/ physics
➤गुरुत्वीय बल/भार -
पृथ्वी जिस बल से किसी वस्तु को अपने ओर खींचती है उस बल को ही भार कहते है।
→भार/ गुरुत्वीय बल(w) = m ✖ g
→भार एक सदिश राशि है जो सदैव निचे की ओर कार्य करता है। इसे Newton में मापते है।
→भार गुरुत्वीय त्वरण के समानुपाती होता है अथार्त ध्रुओं पर g का मान बढ़ता है जिस कारण भार भी बढ़ेगा और विषवत रेखा पर भार घटेगा
→पृथ्वी के केंद्र पर या अंतरिक्ष में g का मान शून्य होता है जिस कारण भार शून्य हो जाएगा।
→निर्वात में वस्तु का भार अधिकतम होता है।
→भार को मापने के लिए स्प्रिंग या कमानीदार तुला का प्रयोग करते है।
→भार बदलता रहता है क्योकि यह g के मान पर निर्भर है।
नोट - पृथ्वी की तुलना में चन्द्रमा पर g 1/6 भाग हो जाता है अथार्त वहां भार भी 1/6 हो जाता है।
यही कारण है की चन्द्रमा पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्री को भारी भरकम सूट पहनाकर 6 गुणा भारी कर दिया जाता है ताकि जब वे चन्द्रमा पर जाये तो इसका भार 6 गुना कम होने के बाद भी उन्हें पृथ्वी जैसा माहौल महसूस हो।
➤द्रव्यमान (mass)-
यह एक नियत राशि है जो बदलती नहीं है , यह द्रव्य के अणुओ से बनी है जिस कारण स्थान बदलने से नहीं बदलती है। यह एक अदिश राशि है।
➤ग्रहो के गति संबंधित नियम -
→टॉलमी ने बताया की पृथ्वी स्थिर है और सूर्य उसका चक्कर लगा रही है।
→कपर निकस ने बताया की यह गलत है और इसने बोला की सूर्य स्थिर है और पृथ्वी इसका चक्कर लगा रही है।
→कैप्लर ने ग्रहो के गति का नियम दिया।
➤गति सम्बन्धित कैप्लर ने तीन नियम दिया -
1) प्रत्येक ग्रह सूर्य का चक्कर दीर्घवृत (eliptical) कक्षा में घूमते है और सूर्य फोकस पर स्थिर रहता है।
2) किसी भी ग्रह का क्षेत्रिय चाल (areal velocity) नियत रहता है अथार्त समय के एक निष्चित अंतराल में ग्रह द्वारा तैय किया गया क्षेत्र समान रहेगा जिस कारण जब ग्रह सूर्य के करीब आता है तो इसकी चाल बढ़ जाती है और जब दूर जाते है तब उसका चाल घट जाती है।
3) किसी ग्रह के आवधकाल का वर्ग उसके अर्धदीघ अक्ष के तृतीय घाट के अनुक्रमानुपाती होता है। 𝐓² ∝ 𝐚²
By Prashant
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