centripetal force/centrifugal force/criticle velocity/10th/12th/all exam/in hindi language physics
अभिकेंद्र बल(centripetal force) -
किसी वस्तु को वृतिये पथ पर घूमने के लिए एक बलकी आवश्यकता होती है , जिसे अभिकेंद्र बल कहते है।
यदि अभिकेंद्र बल का मान कम होगा तो वस्तु वृतीय पथ पर नहीं घूम पायेगी।
अभिकेंद्र बल प्राप्त करने के लिए ही मोर पर सरक को घुमाओ के दिशा में झुका देते है।
पृथ्वी को सूर्य का चककर लगाने के लिए अभिकेंद्र बल गुरुत्वाकर्षण बल के माध्यम से मिलती है।
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अपकेंद्रीय बल(centrifugal force) -
वैसा बल जो केंद से बाहर कार्य करता है , अपकेंद्रीय बल कहलाता है।
अपकेंद्र बल के कारण washing machine , मक्खन निकलना आदि काम करती है।
वृतीय गति कर रहे किसी वस्तु का वेग स्पर्श रेखा की ओर कार्य कर रहा है जिस कारण रस्सी टूटने पर वस्तु स्पर्श रेखा की ओर चली जाती है।
वृतिय गति कर रहे किसी वस्तु का त्वरण केंद की ओर कार्य करता है जिस कारण अभिकेंद्र बल भी केंद की ओर कार्य करता है।
वृतीय गति कर रहे किसी वस्तु का वेग स्पर्श रेखा की ओर कार्य कर रहा है जिस कारण रस्सी टूटने पर वस्तु स्पर्श रेखा की ओर चली जाती है।
वृतिय गति कर रहे किसी वस्तु का त्वरण केंद की ओर कार्य करता है जिस कारण अभिकेंद्र बल भी केंद की ओर कार्य करता है।
क्रांति वेग(criticle velocity) -
वह न्यूनतम वेग जिसे प्राप्त कर कोई वस्तु एक उधवाधार वृतिये पथ पर चककर पूरा कर ले क्रांति वेग कहलाता है।
क्रान्ति वेग(𝐕𝒄) = √𝗿𝗴
By Prashant
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