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➤ Wave ( तरंग )-
किसी स्त्थान पर उतपन्न बिक्षोप या कंपन को तरंग कहते है।
तरंग दो प्रकार की होती है-
1) विधुत चुंबकीय तरंग/अयांत्रिक तरंग
2) यांत्रिक तरंग
1) विधुत चुंबकीय तरंग (Electro-magnetic wave )-
इन तरंगो की खोज Maxwel ने किया। इन्हे चलने के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं है अथार्त यह निर्वात तथा माध्यम दोनों में चल सकती हैं. यह फोटॉन की बनी होती हैं।
इनकी विशेषताय -
1) इनका चाल प्रकाश के चाल के बराबर होता हैं।
2) इनका तरंगदैध्य 10⎺¹4m से 10 ¯4 के बिच रहता हैं।
३) ये विधुतीय उदाशीन होती है जिस कारण विधुत क्षेत्र में विचलित नहीं होती हैं।
4) ये स्भाव में अनुप्रस्थ होती हैं।
5) ये धुर्वण की घटना को दर्शाता हैं।
6) इनके पास ऊर्जा तथा संवेग दोनों होता हैं।
7) इनकी ऊर्जा इनके आवृति के समानुपाती होती हैं। ( ↑E = h⋎↑ ) जहा- E = ऊर्जा, h = प्लान्क const.,
⋎ = आवृति
→ तरंगो के वेग, आवृति, तथा तरंगदैध्य में सम्बन्ध -
V = nλ जहा- V = चाल , n = आवृति , λ = तरंगदैध्य्र
नोट- जब तरंगदैध्य्र बढ़ेगा तो आवृति घट जायगी जिस कारण ऊर्जा भी घट जायगी।
जब तरंगदैध्य्र घटेगा तो आवृति बढ़ेगी जिस कारण ऊर्जा बढ़ जाएगी।
➤ विधुत चुंबकीय तरंगे -
1) गामा-किरणे -
इनकी खोज वैकुलर ने किया। इनका तरंगदैध्य्र 10 के पावर माइनस 14 से 10 के पावर माइनस 10 के बिच होता हैं।
इनकी भेदन क्षमता सवार्धिक होती हैं। यह शरीर में सवार्धिक गहराई तक प्रवेश कर जाते हैं।
इनका प्रयोग कैंसर के उपचार, MRI ( Magnetic Resonance Imagining ) में करते हैं।
Radioactive पदार्थो में गामा किरणे निकलती हैं।
नोट- गामा-किरणे से भी अधिक आवृति, ऊर्जा, तथा भेदन क्षमता कश्मिक किरण में होती है किन्तु यह आयनमंडल में पाया जाता है और हम क्षोभमण्डल में रहते हैं।
2) X- ray
इसकी खोज रॉन्टजन ने किया। इसका मात्रक रडजल होता हैं। इसका तरंगदैध्र्य 10 के पावर माइनस 10 मीटर से 10 के पावर माइनस 8 मीटर तक होता हैं।
यह हड्डियों को पार नहीं कर पाता हैं। आंत के उपचार के लिए x-ray का प्रयोग करते हैं।
Dr. 6 रॉन्टजन तक प्रयोग करते हैं। 20 रॉन्टजन से अधिक का x-ray हानिकारक होता हैं।
3) पराबैगनी किरणे ( ultra-violent ray )-
इसकी खोज रिटर ने किया। इसका तरंगदैध्य 10 के पावर माइनस 8 मीटर से 10 के पावर माइनस 7 मीटर तक होता हैं।
ये किरणे हानिकारक होती है। सूर्य से आने वाली हानिकारक किरणे को ओजोन परत छान लेता हैं। अथार्त गोरे चमड़े वाले को कैंसर ( कार्सिनोमा ) होने लगेगा।
इन किरणे को uv-ray भी कहते हैं। uv-ray का प्रयोग जीवनिओ को मारने तथा जल के शुद्धिकरण में करते हैं।
4) द्रिश्य किरणे (visual ray )-
इसकी खोज Newton ने किया। इन्ही किरणों को हम देख सकते हैं। इनमे सात रंग होते हैं। इनका तरंगदैध्य
3. 9 X 10 पावर माइनस 7 मीटर से 7. 9 X 10 पावर माइनस 7 मीटर (7800A⁰ से 7800A⁰ ) तक होता हैं।
5) अवरक्त किरणे ( Infra ray )-
इसकी खोज हर्शेल ने किया था। इनका तरंगदैध्र्य 7. 9 X 10 पावर माइनस 7 मीटर से 10‾³ मीटर तक होता हैं।
इन्ही तरंग के कारण वायुमंडल गर्म होते हैं। अथार्त ये उष्मीय विकिरण को उतपन्न करते हैं।
इसी कारण इसका प्रयोग कोहरे के समय फोटोग्राफिक में करते हैं।
इसका प्रयोग सेकाई तथा रिमोड कन्ट्रोल में करते हैं। मोबाइल टॉवर में भी इसका प्रयोग हो रहा हैं।
6) Micro ( सूक्षम किरणे )-
इसकी खोज हेनरी ह्रजत ने किया। इसका तरंगदैध्य 10‾³ मीटर 1 मीटर तक होता हैं। इसका प्रयोग dis tv, उपग्रह, तथा वाहनों की गति मापने में करते हैं।
7) Radio wave -
इसकी खोज मार्कोनी ने किया। इतरंगदैध्य्र 1m से 10⁴ मीटर तक होता हैं।
इसका प्रयोग रडार, रेडियो, तथा टीवी के प्रसारण में करते हैं।
→विधुत चुंबकीय तरंगो की चाल प्रकाश के चाल के बराबर होती हैं, जो 3 लाख km/s या 3 X 10⁸ m/s होता हैं।
नोट- कैथोड किरण, कैनल किरण, अल्फा किरण, बीटा किरण, ध्वनि किरण, प्रघाती किरण ये सब विधुत चुंबकीय तरंग नहीं हैं।
By Prashant
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