about characters of sound /Intensity/Pitch/Quality/from basic/for 10th/12th/ssc/railway/defence& other exam/physics-51
➤ ध्वनि के लक्ष्ण (characters of sound )-
ध्वनि में तीन लक्ष्ण पाय जाते हैं।
1) तिव्रता (Intensity)-
इसे प्रबर्लता भी कहा जाता हैं। यह इस बात की जानकारी देती है की ध्वनि तेज है या धीमा।
तिव्रता आयाम को दर्शाती हैं। यदि आयाम अधिक होगा तो तिव्रता भी अधिक होगी।
तिव्रता का SI मात्रक माइक्रो वाट /m² होता हैं।
तिव्रता का समान्य मात्रक डेसिबल होता हैं।
समान्य बात-चित 30 D से 40 D के बिच होती हैं।
विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) के अनुसार 45 डेसिबल तक की ध्वनि नुकसान नहीं कृति।
90 D से अधिक की ध्वनि प्रदूषण में आती है और नुकसान करती हैं।
150 D की ध्वनि हम नहीं सुन सकते हैं।
2) तारत्व/तीक्षणता (Pitch)-
यह इस बात की जानकारी देती है की ध्वनि पतली है या मोटी।
यह आवृति के समानुपाती होती हैं।
यदि आवृति बढ़ेगी तो पिच बढ़ेगा और ध्वनि पतली सुनाई देगी (vise-versa)
मच्छर, महिल, बच्चा, कोयल etc की आवृति (पिच ) अधिक होती हैं जिस कारण ध्वनि पतली सुनाई देती हैं। घोड़ा, पुरुष, शेर, मेढ़क, गदहा etc की आवृति कम रहती है अत इनका आवाज मोटा होता हैं।
3) गुणता (Quality )-
जब दो अलग-अलग ध्वनि की तिव्रता तथा आवृति समान हो जाय तो गुणता के आधार पर उनमे अंतर् किया जा सकता हैं। गुणता अधिस्वर (overtone ) को दर्शाता हैं।
शेर, हाथी, etc की तिव्रता अधिक होती है जिस कारण इनका आवाज दूर तक सुनाई देता हैं।
ध्वनि जब किसी सतह से टकराती है तो वह उससे टकरा कर परावर्तित हो जाती है जिस कारण प्रतिध्वनि (इको ) सुनाई देता हैं।
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