about इंद्रधनुष/Rainbow/प्राथमिक इंद्रधनुष/द्वितीयक इंद्रधनुष/from basic/for10th/12th/ssc/railway/defence/other exam/physics-63
➤ इंद्रधनुष ( Rainbow )-
जब सूर्य की किरणे वायुमंडल में रुके वर्षा के बूढ़ो पर परती है तो वह सात रंगो में बिखर जाती है और एक चाप का निर्माण करती है इसे रेनबो कहते है।
परावर्तन, पूर्ण आंतरिक परावर्तन तथा अपवर्तन के द्वारा रेनबो बनता है।
सुबह के समय रेनबो पश्चिम की ओर दिखेगा जबकि शाम के समय रेनबो पूरब की ओर दिखेगा। दोपहर के समय रेनबो नहीं बनेगा।
➨ प्राथमिक इंद्रधनुष -
इसमें बाहर की ओर अथार्त ऊपर में लाल रंग होता है, जबकि निचे की ओर अथार्त अंदर में बैगनी रंग होता है। इसे देखने के लिए बैगनी किरण आँख पर 40° 8' तथा लाल किरणे आँख पर 42° 8' का कोण बनाती है।
➨द्वितीयक इंद्रधनुष -
इसमें बैगनी रंग ऊपर होता है तथा लाल रंग निचे होता है। इसे देखने के लिए बैगनी रंग आँख पर 54° 52' तथा लाल रंग आँख पर 50° 8' का कोण बनाती हैं।
नोट- प्राथमिक इंद्रधनुष में दो बार अपवर्तन व एक बार परावर्तन होता है जबकि द्वितीयक इंद्रधनुष में दो बार अपवर्तन और दो बार परावर्तन के द्वारा बनता हैं।
नोट- प्राइमरी रेनबो अधिक चमकीला होता हैं।
नोट- रेनबो के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका वर्ण-विक्षेपण की होती है जबकि अपवर्तन पूर्ण आंतरिक परावर्तन तथा परावर्तन इसमें सहायक है अथार्त रेनबो के निर्माण में इन तीनो का योगदान हैं।
By Prashant
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