about refraction/condition of refraction/critical angle/total internal reflection/condition of total internal reflection/from basic/for all exam/physics-60
➤ अपवर्तन (Refraction )-
जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करती है तो वह अपवर्तन कहलाता है।
जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है तो उसका तरंगदैध्र्य तथा वेग बदल जाती है किन्तु उसकी आवृति नहीं बदलती हैं।
➤अपवर्तन के लिए शर्त -
1) आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा अभिलम्ब तीनो एक ही ओर एक तल पर होता है।
2) जब प्रकाश बिरल माध्यम से सघन माध्यम में जाता है तो अभिलम्ब की ओर झुक जाता है।
3) जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से बिरल माध्यम की ओर जाती है तो अभिलम्ब से दूर हट जाती है।
4) आपर्तित किरण की जया तथा अपवर्तित किरण की जया का अनुपात नियत होता है और वह अपवर्तनांक ( Refractive Index ) 𝖀 के बराबर होता है।
➨sin i ➗ sin r = 𝖀 (स्नेल का नियम )
➨𝖀 = निर्वात में प्रकाश की चाल (c ) ➗ माध्यम में प्रकाश की चाल (v )
➨ माध्यम = निर्वात , हवा , जल , कांच , हिरा
↧ ↧ ↧ ↧ ↧
➨अपवर्तनांक = 0 ,1.008, 4➗3, 3➗2, 2.42
➨निम्नलिखित घटनाए अपवर्तन के कारण होती है-
1) आसमान में तारो का टिमटिमाना।
2) सूर्योदय के पहले तथा सूर्योस्त के बाद भी सूर्य दिखाई देता है।
3) जल में रखी छड़ का तिरछा दिखना।
4) जल में रखे सिक्का का ऊपर दिखना।
5) पानी में तैरती मछली को ऊपर दिखना।
➤क्रांति कोण ( Critical angle )-
वैसा आपतन कोण जिससे अपवर्तित होने वाली किरण दोनों माध्यम को अलग करने वाली रखा के समानांतर निकल जाय।
➤पूर्ण आंतरिक परावर्तन ( Total Internal Reflection )-
वैसी घटना जिससे अपवर्तन परावर्तन के समान्य होने लगे और अपवर्तक तल परावर्तक तल की तरह कार्य करने लगे तो उसे पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते है।
➨इसके लिए दो शर्त है-
1) प्रकाश सघन माध्यम से बिरल माध्यम में जाए।
2) आपतन कोण सदैव क्रांति कोण से अधिक हो।
➨निम्नलिखित घटनाए पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण होती है-
1) मृगमरीचिकास
2) एडोस्कोपिक
3) हिरे का चमकना
4) कांच में आई दरार का चमकना
5) सरक पर जल का दिखना ( गर्मी के दिन में )
6) Optical fibre ( प्रकाशी तंतु)
ऑप्टिकल फाइबर का प्रयोग सुचना प्रधोगिकी में संचार के रूप में करते है। इसकी खोज नरेंद्र सिंह कपानी ने किया।
By Prashant
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