about shock wave/stationary wave/argon pipe/from basic/for10th/12th/ssc/railway/defence/other exam/physics-53
➤ Shock wave (प्रघाती तरंग)-
जब कोई विमान सुपर सोनिक गति से आगे बढ़ता है तो वह अपने पीछे एक खतरनाक शंकु आकार का तरंग छोड़ता है इन्ही तरंगो को प्रघाती तरंग या ध्वनि बूम कहा जाता हैं।
ये तरंगे भवनों को गिरा सकती है, इसी कारण सुपर सोनिक विमान को अधिक ऊचाई पर उड़ाया जाता हैं।
➤ Stationary wave (अप्रगामी तरंग)-
वैसे तरंगे जो लगातार आगे नहीं बढ़ पाती है अप्रगामी तरंग कहलाती हैं।
अप्रगामी तरंग में Node तथा Anti-node का गुण देखा जाता हैं।
Node- तरंग गति के दौरान जहा विस्थापन शून्य रहता है उसे नोड कहते है। इसे N से ब्यक्त करते हैं।
Anti-node - तरंग गति के दौरान जहां विस्थापन अधिकतम रहता है उसे एंटी-नोड कहते है। इसे A से ब्यक्त करते हैं।
दो क्रमागत एंटी नोड के बिच की दुरी λ➗ 2 होती हैं। दो क्रमागत नोड के बिच की दूर λ➗ 2होती हैं।
दो क्रमागत नोड व एंटी नोड के बिच की दुरी λ➗ 4 होती हैं।
➤ आर्गन पाइप -
यह एक प्रकार की नली होती है जहा ध्वनि की उत्पति कंपन के द्वारा कराई जाती हैं।
यह दो प्रकार का होता है -
1) ओपन आर्गन पाइप -
इस पाइप के दोनों सिरे खुले रहते हैं। इसमें सम तथा विषम दोनों ही आवृति उतपन्न हो सकती हैं।
सम आवृति वाली ध्वनि मधुर रहती है जबकि विषम आवृति वाली ध्वनि मोटी रहती हैं।
खुले आर्गन पाइप के लिए आवृति , (n) = V ➗ 2l
जहा,V = तरंग का वेग , l = आर्गन पाइप की लम्बाई
2) क्लोज आर्गन पाइप -
वैसा आर्गन पाइप जिसका एक सिरा बंद तथा दूसरा सिरा खुला हो उसे क्लोज आर्गन पाइप कहते हैं।
इसमें केवल विषम आवृति की तरंगे ही उतपन्न होती है।
इसके लिए आवृत , n = V ➗ 4l होता हैं।
By Prashant
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