about kirchhoff's law/क्रिचोफ का नियम/संधारित का समायोजन/संधारित/Condenser/Capacitor/Capacityधारिता/विधुत धारा के उष्मीय प्रभाव के व्यंजक from basic/physics-73
➤विधुत धारा के उष्मीय प्रभाव के व्यंजक-
उष्मीय प्रभाव की खोज जुल नामक विद्वान ने किया था।
जब किसी चालक में धारा प्रवाहित होती है तो वह उष्मीय ऊष्मा उतपन्न करती है।
इसे H द्वारा व्यक्त किया जाता है।
H = I² R T
Put (V = IR )
H = PT
➤Capacity ( धारिता )-
आवेश धारण करने की क्षमता को धारिता कहते है।
इसे फैराडे (F) में मापते है। इसका व्यवहारिक मात्रक माइक्रो फैराडे (ⲙF ) होता है क्योकि फैराडे बहुत बड़ा मात्रक है। मात्रक = कुलम/वोल्ट
q = C V , जहां = c = धारिता, q = आवेश, v = विभव
➤संधारित ( Condenser/Capacitor)-
यह एक स्थैतिक युक्ति है जो विधुत ऊर्जा को रोक कर रखती है।
यह AC तथा DC दोनों पर कार्य करता है।
यह प्रेरण ( Inducation ) के सिद्धांत पर कार्य करता है।
संधारित तीन प्रकार के होते है-
1) बेलनाकार संधारित
2) गोलाकार संधारित
3) समानांतर प्लेट संधारित
सर्वाधिक प्रयोग समानांतर प्लेट संधारित का होता है। यदि संधारित के प्लेट का क्षेत्रफल A हो तथा संधारित के प्लेटो के बिच की दुरी d हो तो
धारिता (C) = 𝟄 A ➗ d
नोट- जब संधारित के प्लेटो का क्षेत्रफल बढ़ाते है तो धारिता बढ़ जाता हैं।
जब प्लेट की दुरी घटाते है तो संधारित बढ़ जाती है। जब प्लेटो को आपस में चिपका देते है या दोनों प्लेटो को धातु एक छड़ द्वारा जोर देते है तो धारिता अनंत हो जाती है।
➨संधारित का समायोजन-
1) श्रेणी क्रम समायोजन
1/C = 1/C₁ + 1/C₂+ ...........
2) समानांतर क्रम समायोजन-
C = C₁ + C₂ + C₃ + .........
➤क्रिचोफ का नियम-
किसी संधि पर आने वाली धारा के योग उस संधि से जाने वाली धारा के योग के बराबर होती है।
धारा एव संगत प्रतिरोध का गुणनफल नियत रहता हैं।
By Prashant
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