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➤ अर्द्धचालक-




वैसे पदार्थ जिसमे सिमित, मात्रा में धारा जाती है अर्द्धचालक कहलाती है। 
अर्द्धचालक में धारा की उपत्ति कोटर/होल के कारण होती है। 

कोटर धनात्मक होता है और जिस स्थान पर बनाता है वहां एलेक्ट्रोन की कमी हो जाती है जिसे भरने के लिए एलेक्ट्रोन प्रवाहित होने लगते है और धारा बहने लगती है। 

तापमान बढ़ाने पर अर्द्धचालको का प्रतिरोध घट जाता है। 

जिस अर्द्धचालक में कोटर की संख्या अधिक होती है उसे पॉजिटिव (+ve) P-type अर्द्धचालक कहते है। 

जिस अर्द्धचालक में कोटर की संख्या कम होती है उसे N-type अर्द्धचालक कहते है। 

➤ PN Junction-




जहाँ p-type तथा n-type के अर्द्धचालक आपस में मिलते है उसे PN Junction diode कहते है। 

जर्मेनियम तथा सिलिकन सबसे प्रमुख अर्द्धचालक है किन्तु सिलिकॉन का प्रयोग अधिक किया जाता है। 

सिलिकॉन को प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB) बनाने में प्रयोग करते है जो मोबाइल तथा रेडियो में अधिक प्रयोग होता है। 

PN Junction diode के भांति भी कार्य करता है। 

➤जेनर डायोड-

समान्य डायोड Forward biase किन्तु जेनर डायोड Reverse biase पर भी कार्य करता हैं। 

➤निज अर्द्धचालक-

वैसा अर्द्धचालक जिसमे बाहर से कोई असुद्धि नहीं मिलाई रहती है उसे शुद्ध या निज अर्द्धचालक कहते हैं। 

➤Dopping-

किसी शुद्ध अर्द्धचालक में बाहर से अशुद्धि मिला देना डोप्पिंग कहलाता है। 

➤अशुद्ध अर्द्धचालक-

इसमें कुछ अशुद्धि मिलाई रहती है। यह निज अर्द्धचालक से अच्छा होता है। 
यह दो प्रकार का होता हैं-

1) N-type अर्द्धचालक-

इनमे एलेक्ट्रोन की संख्या अधिक रखने के लिए पंचसंयोजक (5 फोस्फेरस) अशुद्धि मिलाते है क्योकि अर्द्धचालक का चार एलेक्ट्रोन अशुद्धि के चार एलेक्ट्रोन से सहसंयोजक बॉन्ड बना लेते है और पंचसंयोजक अशुद्धि का बचा हुआ एक एलेक्ट्रोन मुक्त होकर धारा प्रवाहित कर देता है अतः पंचसंयोजक अशुद्धि एलेक्ट्रोन का दाता होता है। 

2) P-type अर्द्धचालक-

इसमें त्रिसंयोजक अशुद्धि मिलाते है जिससे की अर्द्धचालक का तीन एलेक्ट्रोन अशुद्धि के तीन एलेक्ट्रोन से सहसंयोजक बॉन्ड बना लेता हैं। 
अशुद्धि में एक स्थान खाली रह जाता है जो कोटर के निर्माण में सहायक होता है। इसमें अशुद्धि ग्राही होता है। 
आर्सेनिक फास्फाइट का प्रयोग LED ( Light Emitting Diode ) में करते हैं। 

➤Solid State-

वैसी युक्ति जिसमे अर्द्धचालक का प्रयोग किया जाय उसे solid state कहते है। 
जैसे- PN Junction diode, Trangister, IC ( Intrigeted circuit )

नोट- डायोड, ट्रायोड सॉलिड स्टेट नहीं है। 

➤Trangister-





यह ट्रायोड का ही आधुनिक रूप है। 

यह दो प्रकार का होता है-

1) N-P-N Trangister 
2) P-N-P  Trangister 

➤Emitter-


इसमें डोप्पिंग सबसे अधिक होता है। 

➤Colletor-
इसका डोप्पिंग कम होता है। 

जिस ट्रांजिस्टर में एमिटर से धारा कोलेटर की ओर जाती है उसे P-N-P Trangister कहते हैं। 

जिस ट्रांजिस्टर से धारा कनेक्टर से एमिटर की ओर जाती है उसे N-P-N Trangister कहते है। 




By Prashant

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