about प्रकाश विधुत प्रभाव/Threshold Frequency/देहली आवृति/Work Function/कार्य फलन/Diode/डायोड/ट्रायोड/प्रतिदीप्ति पदार्थ/स्फुरदीप्ति पदार्थ/from basic/physics-79
➤ प्रकाश विधुत प्रभाव-
प्रकाश द्वारा एलेक्ट्रोन उतपन्न कर के विधुत धारा उतपन्न करना प्रकाश विधुत प्रभाव कहलाता है।
आइस्टीन ने इसका सफल ब्यख्या किया था।
➤Threshold Frequency( देहली आवृति )-
वह न्यूनतम आवृति जो किसी धातु के सतह से एलेक्ट्रोन निकालने के लिए आवश्यक होती है उसे देहली आवृति कहते है।
➤Work Function ( कार्य फलन )-
किसी धातु की सतह से एलेक्ट्रोन को उतसर्जित कराने के लिए दी गई न्यूनतम ऊर्जा को कार्य फलन कहते हैं।
Max-Plank ने बताया की सूर्य से प्रकाश ऊर्जा के छोटे-छोटे पैकेट के रूप में आता है। प्रत्येक पैकेट को फोटॉन कहते हैं।
➤Diode ( डायोड )-
यह दो इलेक्ट्रोड के मिलाने से बनता है। यह तापमापी उतसर्जित के सिद्धांत पर कार्य करता है।
यह AC को DC में बदलने का कार्य करता है। अतः इसे दृष्ट्कारी ( Rectifier ) या त्रिजुकारी कहते है।
➤ट्रायोड-
जब डायोड के दो प्लेटो के बिच एक छृद युक्त प्लेट लगा देते है जिसे ग्रिड कहते है तो इस युक्ति को ट्रायोड कहा जाता है।
ट्रायोड की उपयोगिता डायोड से बहुत अधिक होती है। इसका प्रयोग ट्रांसमिशन ( समपोसन ), रिसीभर तथा Ampilifire प्रर्वद्धक के रूप में करते है।
➤प्रतिदीप्ति पदार्थ-
किसी भी धातु का ग्राउंड स्टेज तथा एक एक्ससाइटिग स्टेज होता है।
जब धातु पर प्रकाश परता है तो एलेक्ट्रोन ग्राउंड स्टेज को छोरकर एक्ससाइटिंग स्टेज में चला जाता है और वह चमकने लगता है
किन्तु जब प्रकाश परना बंद होता है तो सभी एलेक्ट्रोन पुनः ग्राउंड स्टेज में गिर जाते है, और चमकना बंद कर देते है।
जैसे- साइन बोर्ड
➤स्फुरदीप्ति पदार्थ-
इन पदार्थो में एक्ससाइटिंग स्टेज के निचे एक मोटा स्टेबल स्टेज पाया जाता है।
जब धातु पर प्रकाश परता है तो सभी एलेक्ट्रोन एक्ससाइटिंग स्टेज में चले जाते है किन्तु जब प्रकाश बंद होता है तो एलेक्ट्रोन ग्राउंड स्टेज में नहीं गिरते है बल्कि मेटा स्टेबल स्टेज में चले जाते है धीरे-धीरे एक-एक कर के गिरते है।
जैसे- रेडियम
By Prashant
Great
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