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Showing posts from February, 2023

about meak number/from basic/for ssc/railway/defence exam./other exam/physics-50

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  Click here for Biology ➤ मेक सख्या ( meak number )- इसके द्वारा उच्च गति को दर्शाया जाता हैं।  जैसे- लड़ाकू विमान, मिसाइल etc की चाल को मेक संख्या द्वारा दर्शाया जाता हैं।  मेक संख्या = वस्तु की चाल ➗ ध्वनि  की चाल  प्रश्न1  - एक विमान 990 m/s की चाल से जा रहा है तो उसका मेक संख्या निकले।  उत्तर - मेक संख्या = 990 ➗ 330 = 3 m/s (सुपर सोनिक ) प्रश्न2  - अगनि-6 मिसाइल का चाल निकले, यदि इसका मेक संख्या 25 हैं।  उत्तर - 25 = V ➗330   V = 25 X330 =  8250 = 8.25 km/s  →ध्वनि की चाल(V₀) = 330 m/s  →वस्तु की चाल = V  1) V< V₀ ( इंफ़्रा सोनिक ) 2)  V >  V₀ ( सुपर सोनिक ) 3)  V< V₀🗙5 ( हाइपर सोनिक ) By Prashant

effact of pressure/atomic weight/temparature/humidity/elasticity on sound wave/from basic/for ssc/railway/defence/10th/12th/other exam./physics

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  Click here for Biology ➤ ध्वनि की चाल को प्रभाव करने वाली कारक - 1) दाब (Pressure)- दाब से ध्वनि के चाल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं।  2) अणुभार - अणुभार तथा ध्वनि चाल में बयुक्तकरामानुपाती सम्बन्ध रहता हैं।  V ∝ 1 ➗ √M  V₁ ➗ V₂ = √M₂➗√M₁ जहा- M = अणुभार , V = चाल  भारी गैस में ध्वनि की चाल कम होगी इसी कारण कोहरे में ध्वनि की चाल घट जाती हैं। हल्की गैस में ध्वनि की चाल अधिक होगी।  सबसे हल्की गैस हाइड्रोजन है अथार्त इस गैस में ध्वनि की चाल सर्वाधिक होगी।  3) तापमान - तापमान तथा ध्वनि के चाल में समानुपाती सम्बन्ध होता हैं।  V ∝ √T  V₁ ➗ V₂ = √T₁➗√T₂ जहा- V = वेग, T = ताप  नोट-  1℃ तापमान बढ़ने से ध्वनि की चाल  0.62 m/s की वृद्धि हो जाती हैं।  4) आद्रर्ता - आद्रर्ता तथा ध्वनि की चाल में सीधा सम्बन्ध होता है अथार्त आद्रर्ता बढ़ने पर ध्वनि की चाल बढ़ जाती हैं।  यही कारण है की बरसात के बाद ध्वनि की चाल बढ़ जाती हैं।  5) प्रत्यास्थता (Elasticity)- प्रत्यास्थता का ध्वनि के वेग पर सीधा प्रभाव पड़ता हैं।  प्रत्यास्थता बढ़ने से ध्वनि की चाल बढ़ जाता है और घटने से ध्वनि की चाल घट जाता हैं।  सर्वाधिक प्र

about sound wave/infra-sonic wave/audible wave/ultra-sonic wave/from basic/for ssc/railway/defence/10th/12/other exam/physics

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  Click here for Biology ➤ ध्वनि तरंगे ( Sound wave )- यह एक प्रकार का ऊर्जा है, जो कणो के कम्पन के कारण उत्पन्न होती हैं।  ध्वनि तरंगे हवा में अनुदैध्र्य होती हैं। द्रव के सतह पर अनुप्रस्थ हो जाती हैं।  द्रव तथा ठोस के अंदर अनुदैध्य हो जाती है किन्तु ठोस के ऊपर अनुप्रस्थ हो जाती हैं।  नोट-  ध्वनि तरंगो के आंतरिक सभी तरंगे अनुप्रस्थ होती हैं।  →  आवृति के आधार पर ध्वनि का प्रकार -  1) अव-श्रव्य ( Infra-sonic )- इसकी आवृति 20Hz से कम होती है।  इन्हे मानव नहीं सुन सकता हैं किन्तु कुत्ता, बिल्ली, जैसे जानवर इसे सुन सकते है।  भूकंप से पहले यह तरंगे उत्पन्न होती हैं।  2) श्रव्य ( Audible sonic )- इनकी आवृति 20Hz से 20000Hz तक होती है।  इन्हे हम सुन सकते हैं।  3) परा-श्रव्य ( Ultra-sonic )- इनकी आवृति 20000Hz से अधिक होती है। इन्हे हम नहीं सुन सकते हैं।  चमगादर अपनी आँख से 100000Hz आवृति वाली  परा-श्रव्य ध्वनि उत्पन्न करता है और परावर्तन के सिद्धांत पर अपना मार्ग तैय करता है।  महगा कपड़ा तथा घड़ी की धुलाई में  परा-श्रव्य ध्वनि तरंग का प्रयोग होता हैं।   परा-श्रव्य ध्वनि उत्पन्न करने के लिए दाब

about machanical wave/wavelength/longitudinal wave/from basic/for ssc/railway/defence/10th/12th/other exam/physics

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  Click here for Biology ➤यांत्रिक तरंग ( Machanical wave )- इन तरंगो को चलने के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। ये निर्वात में नहीं चल सकती।   ये दो प्रकार के होते हैं-  1) अनुप्रस्थ तरंगे  2) अनुदैध्र्य तरंगे  1) अनुप्रस्थ तरंगे - ये तरंगे शृंग (crest ) व गर्त (trough ) के रूप में आगे बढ़ती हैं।  तनी हुई डोरी, जल की सतह पर तथा विधुत चुंबकीय तरंगे अनुप्रस्थ होती हैं।  अनुप्रस्थ तरंगे ठोस तथा द्रव के सतह पर चल सकती हैं।  जैसे- सितार, गिटार, विणा, प्रकश आदि  → तरंगदैध्र्य ( wavelength, λ )-  एक तरंग की लम्बाई को तरंगदैध्र्य कहते हैं।  दो क्रमागत शृंगो के बिच की दुरी को तरंगदैध्र्य कहते हैं।  दो क्रमागत गर्तो के बिच की दुरी को तरंगदैध्य्र कहते हैं।  नोट- एक शृंग और एक गर्त के बिच की दुरी तरंगदैध्र्य की आधी होती हैं।  2) अनुदैध्र्य तरंगे ( Longitudinal wave )-  इनमे तरंग के कंपन के दिशा गति के दिशा में ही होती हैं। ये संपीडन व बिरलन के सिद्धांत पर काम करता हैं।  जैसे- ध्वनि तरंग, खुला हुआ स्वर यंत( शहनाई, बासुरी, तबला, ढोल, हारमुनियम, बिना etc ) By Prashant

about wave/elecromagnetic wave/gamma rays/x-rays/uv-rays/visualrays/infra rays/micro rays/radio wave/physics

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  Click here for Biology ➤ Wave ( तरंग )- किसी स्त्थान पर उतपन्न बिक्षोप या कंपन को तरंग कहते है।  तरंग दो प्रकार की होती है-  1) विधुत चुंबकीय तरंग/अयांत्रिक तरंग  2) यांत्रिक तरंग  1) विधुत चुंबकीय तरंग (Electro-magnetic wave )-  इन तरंगो की खोज Maxwel ने किया। इन्हे चलने के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं है अथार्त यह निर्वात तथा माध्यम दोनों में चल सकती हैं. यह फोटॉन की बनी होती हैं।  इनकी विशेषताय - 1) इनका चाल प्रकाश के चाल के बराबर होता हैं।  2) इनका तरंगदैध्य 10⎺ ¹4m   से 10 ¯4 के बिच रहता हैं।  ३) ये विधुतीय उदाशीन होती है जिस कारण विधुत क्षेत्र में विचलित नहीं होती हैं।  4) ये स्भाव में अनुप्रस्थ होती हैं।  5) ये धुर्वण की घटना को दर्शाता हैं।  6) इनके पास ऊर्जा तथा संवेग दोनों होता हैं।  7) इनकी ऊर्जा इनके आवृति के समानुपाती होती हैं।  ( ↑E = h⋎↑ ) जहा- E = ऊर्जा, h = प्लान्क const.,  ⋎ = आवृति  → तरंगो के वेग, आवृति, तथा तरंगदैध्य में सम्बन्ध -  V = nλ  जहा- V = चाल , n = आवृति , λ = तरंगदैध्य्र  नोट- जब तरंगदैध्य्र बढ़ेगा तो आवृति घट जायगी जिस कारण ऊर्जा भी घट जायगी।   जब तरंगद

relation between temparature,volume,and density/basic/10th/12th/ssc/railway/other exam/physics

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  Click here for Biology तापमान, आयतन , तथा घनत्व में सम्बन्ध ( relation between temparature, density and volume ) ➤ घनत्व ( density )- किसी वस्तु के अणु कितने समीप हैं इसे घनत्व द्वारा दर्शाया जाता हैं।  घनत्व अधिक होने पर अणु समीप आ जाएगी जिस कारण उसका आयतन घट जाएगा।  तापमान बढ़ाने पर घनत्व घट जाता है और वस्तु फैल जाता हैं  जब जल जमकर बर्फ का रूप लेता है तो उसका घनत्व घट जाता है आयतन बढ़ जाता हैं। इसी कारण ठंडा के दिनों में पानी का पाइप फ़ट जाता हैं।  द्रव्यमान = आयतन 🗙 घनत्व  4℃ पर जल का घनत्व अधिकतम होता है किन्तु उसी बिंदु पर आयतन नयूनतम हो जाता हैं।  इसी कारण जब जल को 0℃ से 10℃ तक ले जाते है या 10℃ से 0℃ तक लाते हैं तो उसका आयतन प्रांरभ में घटता है और उसके बाद बढ़ता हैं  क्रीम तथा मलाई का घनत्व कम रहता हैं।   जब दूध में मलाई डालते है तो उसका घनत्व घट जाता हैं।  जब दूध से मलाई निकाल लेते है तो उसका घनत्व बढ़ जाता हैं।  By Prashant

about thermal equillibrium/zeroth law of thermal dynamic/basic/10th/12th/ssc/railway/other exam./physics

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  Click here for Biology ➤ उष्मीय साम्य ( Thermal Equillibrium )- जब दो ऊष्मा गतिकी को आपस में  जोड़ा जाय और उन्हें जोड़ने वाली दीवाल ऊष्मा का सुचालक हो किन्तु इस स्थिति के बाद भी ऊष्मा का आदान-प्रदान न हो तो दोनों निकाय उष्मीय साम्य स्थिति में कहलायेगे।  ➤  ऊष्मा गतिकी का शून्य नियम ( Zeroth law of thermal dynamic )- यदि तीन ऊष्मा गतिकी निकाय आपस में जुड़े हो तथा A व् C उष्मीय साम्य में हो, B व् C भी यदि उष्मीय साम्य में रहेंगे तो शून्य नियम के अनुसार A व् B भी उष्मीय साम्य में रहेंगे।   Remk. -  Stefan के अनुसार किसी वस्तु द्वारा ऊष्मा उत्सर्जन ( हानि ) उस वस्तु के तापमान व् क्षेत्रफल के समानुपाती होती है, अतः क्षेत्रफल बढ़ने पर ऊष्मा हराँस जल्दी होगा।  इसी कारण भोजन को जल्दी ठंडा करने के लिए उसे फैला दिया जाता है।  ठंडी के दिन में ब्यक्ति सिकुड़ कर सोता है ताकि क्षेत्रफल घट जाय और उसकी ऊष्मा का हानि न हो।  By Prashant

about fixed pressure on heat capacity/fixed volume on heat capacity/ relation between Cp and Cv/ degree of freedem/physics

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  Click here for Biology ➤ स्थिर दाब पर विशिष्ट ऊष्मा - इसे Cp द्वारा दर्शाते है।  इसमें दाब नियत रहता है वस्तु के 1g का  तापमान 1℃ बढ़ाने के लिए दी गई ऊष्मा को स्थिर दाब पर विशिष्ट ऊष्मा कहते हैं।   ➤  स्थिर आयतन पर विशिष्ट ऊष्मा -  इसे Cv द्वारा दर्शाते हैं। इसमें आयतन नियत रहता है और वस्तु का 1g का तापमान 1℃ बढ़ाने के लिए दी गई ऊष्मा को स्थिर आयतन पर विशिष्ट ऊष्मा कहते हैं।  ➤  Cp तथा Cv में सम्बन्ध -  Cp  > Cv  Cp ➗ Cv = Ύ( पायसन गुणांक ) Cp  ➖ Cv  ( मेयर का सद्दान्त ) ➤  degree of freedom - कोई वस्तु कितनी दिशाओ में गति कर सकता हैं इसे डिग्री ऑफ़ फ्रीडम द्वारा ब्यक्त करते हैं।  दीवाल/रस्सी पर चलने वाला आदमी एक ही दिशा में आगे-पीछे कर सकता है, अतः इसका डिग्री ऑफ़ एक होगा। मैदान में खेल रहा बच्चा या चल रही गारी का डिग्री ऑफ़ फ्रीडम दो होगा।  उरते पक्षी या हवाई जहाज etc का डिग्री ऑफ़ फ्रीडम तीन होगा।  पानी वाली जहाज में दो , पनडुब्बी में तीन, झूला,ट्रैन में एक , साइकल, रोलर कोस्टर में दो होगा डिग्री ऑफ़ फ्रीडम।  By Prashant

about relation between engine and wheel / temp. gradient/basic/10th/12th/ssc/railway/other exam/ physics

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  Click here for Biology ➤ Engine तथा चक्का में सम्बन्ध -  1 )  Rear wheel drive - जब इंजन द्वारा गारी के पिछले चक्का को पावर दिया जाता है तो उसे rear wheel drive कहते हैं।  ये गाड़िया अधिक उच्ची होती है और अधिक शक्तिशाली होती हैं। सामान ढोने वाली गाड़िया Rear wheel drive  होती हैं।  जैसे- ट्रक, रिकशा, पिकप etc  ➤   Front wheel drive - इसमें गारी के अगले चक्का को इंजन पावर देता है, ये गाड़िया अधिक ऊंची नहीं रहती हैं।  यह पर्सनल इस्तमाल के लिए होती है, क्योकि इसमें शक्ति अधिक नहीं रहती हैं। जैसे- कार  ➤  Two by four गाड़ी - जब चार में से दो चक्के को पावर मिले तो उसे 2/4 गारी कहते हैं।  ➤  Four by four/ All wheel drive ( 4 /4 )- जब गारी के चारो को पावर मिले तो उसे Four by four/ All wheel drive कहते हैं।  ➤  ताप प्रवणता (Temp. Gradient )- जब दो समतापी प्लेटो को एक दूसरे के समीप रखते है तो उनके तापमान में परिवर्तन तथा बिच के दूरी के अनुपात को ताप प्रवणता कहते हैं।  ताप प्रवणता = तापमान में परिवर्तन ➗ दुरी  By Prashant

about thermodynamic system/ isolated/ isocoric process/isobaric/iso thermal/adiabetic process/enthalphy/ entropht etc in hindi language physics

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  Click here for Biology ➤ Thermo dynamic system( ऊष्मा गतिकी निकाय )- वैसा निकाय(मशीन) जो ऊष्मा पर आधारित हो ऊष्मा गतिकी निकाय कहलाता हैं।  ऊष्मा गतिकी निकाय दाब, आयतन, तापमान, तथा entropy  पर निर्भर करता हैं  ऊष्मा गतिकी निकाय (T. S) = ∱ ( P ,V ,T ) ➤  विलंगत निकाय (Isolated system)-  वैसा निकाय जो ऊष्मा का आदान-प्रदान न करे तथा कोई कार्य भी न करे उस निकाय को बिलंगत निकाय कहते हैं।   इसमें निकाय के आंत्रिक ऊर्जा में परिवर्तन शून्य  रहता हैं।  Q = Δ𝘜 ➕ W  0  = Δ𝘜 ➕ 0   Δ𝘜 = 0  ➤  सम आयतनिक प्रक्रम ( Iso- coric process )-  इसमें आयतन नियत रहता है, जिस कारण कार्य शून्य हो जाता है अतः इस स्थिति में दी गई समस्त ऊष्मा आंत्रिक ऊर्जा को बढ़ाने में खर्च हो जाती हैं।   Q = Δ𝘜 ➕ W  Q = Δ𝘜 ➕  0   Q = Δ𝘜 ➤  सम दबिय प्रक्रम (Iso - baric)- इसमें दाब नियत रहता है, तथा तापमान बढ़ने से आयतन बढ़ जाता हैं।  यह चाल्स के नियम पर आधारित हैं। (T ∝ V ) यह ऊष्मा गतिकी के प्रथम नियम का हु-ब-हु पालन करता हैं।  Q = Δ𝘜 ➕ W  ➤  समतापी ( Iso- thermal )- इसमें निकाय का तापमान नियत बना रहता है।  यह बहुत धीमी गति

about thermodynamic system/from basic/physics

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  Click here for Biology ➤Thermo dynamic system( ऊष्मा गतिकी निकाय )- वैसा निकाय(मशीन) जो ऊष्मा पर आधारित हो ऊष्मा गतिकी निकाय कहलाता हैं।  ऊष्मा गतिकी निकाय दाब, आयतन, तापमान, तथा entropy  पर निर्भर करता हैं  ऊष्मा गतिकी निकाय (T. S) = ∱ ( P ,V ,T ) By Prashant

about engine, external combusion /enternal combusion engine,four stock/two stock/engine,ABS/EBD/BA etc physics

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  Click here for Biology ➤Engine-  उष्मीय ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलता हैं।   इंजन को जिस स्थान से उष्मा प्रदान होती हैं उसे source कहते हैं। source द्वारा प्राप्त ऊष्मा को इंजन आगे की ओर भेजता है ताकि कार्य किया जा सके source के बाद इंजन जिस स्थान पर ऊष्मा को भेजता है उसे sink (मोरी) कहते हैं।  माना source द्वारा ऊष्मा Q₁  तथा मोरी को भेजी गई ऊष्मा Q₂ है और इंजन की दक्षता  𝖞 𝖞 = (  Q₁ ➖ Q₂ )✖ 100                    Q₁ तापमान के आधार पर किसी इंजन की दक्षता - 𝖞 =  ( T ₁ ➖  T₂)  ✖ 100                  T₁ इस शुत्र में तापमान को केल्विन में रखते हैं।   वैसा इंजन जो दोनों दिशा में कार्य करता है उसे उत्क्रमणीय इंजन कहते हैं।  जैसे- कार, ट्रैक्टर etc  वैसा इंजन जो सिर्फ एक दिशा में कार्य करता है उसे अन्य-उत्क्रमणीय इंजन कहलाता हैं। जैसे- बाइक , स्कूटर etc  उत्क्रमणीय इंजन अधिक शक्तिशाली होता हैं।  ➤वाहय दहन इंजन ( external combusion engine )- वैसा इंजन जिसमे दहन की क्रिया इंजन के बाहर कराई जाती है उसे वाहय दहन इंजन कहलाती हैं। यह इंजन smooth होता है और कम आवाज करता हैं।  जैसे- एक्सट्र

about vaporazation in daily life/from basic/for 10th/12th/ssc/railway/other exam/ physics

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  Click here for Biology ➤वाष्पीकरण का दैनिक अनुभव -        जिस स्थान से वाष्पीकरण होता है उस स्थान का तापमान बहुत घट जाता है.  जिस कारण निम्नलिखित घटनाए होती हैं  ⤸ 1) पसीने का पंखा द्वारा वाष्पीकरण होने पर ठण्डक का महसूस होना।   2) घरे /  मटका के पानी वाष्पीकरण के कारण ठंडा होता हैं , वाष्पीकरण के कारण ही तलाब का पानी ठंडा होता हैं।   3) वाष्पीकरण के कारण कुत्ता गर्मी के दिन में जीभ बाहर निकालता हैं।   By Prashant

about newtons's cooling low/ astiphn low/from basic/for 10th/ssc/railway/12th/other exam physics

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  Click here for Biology ➤Newton का शीतलन नियम ( Newton's cooling low)- इसके अनुसार किसी वस्तु के ठंडा होने का दर समय के साथ-साथ घटता जाता हैं।  किसी वस्तु के ठंडा होने का दर उसके औसत तापमान व् कमरे के तापमान के अंतर् के समानुपाती होता हैं।    𝐐₁ ➖ 𝐐₂      ⋉         𝐐₁ ➖ 𝐐₂   ➖  𝜃     𝘁                             2     𝐐₁ ➖ 𝐐₂      =      K  ( 𝐐₁ ➖ 𝐐₂ ) ➖  𝜃        𝘁                             2   ➤ स्टीफन के नियम -    इस नियम के अनुसार किसी कृष्ण पिंड (वस्तु ) द्वारा उतसर्जित ऊर्जा की मात्रा उसके परम् ताप के चतुथ घात के समानुपाती होती हैं।   E   ⋉ T⁴ By Prashant

about speciffic heat/heat capacity/latent heat/from basic/for 10th/12th/ssc/railway/other exam/physics

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  Click here for Biology ➤ विशिष्ट ऊष्मा ( Speciffic heat)- किसी वस्तु के इकाई द्रव्यमान के तापमान को 1⁰C बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊर्जा को विशिष्ट उष्मा कहते हैं।   अलग - अलग पदार्थ का विशिष्ट उष्मा अलग - अलग होता हैं।  जिस वस्तु की विशिष्ट उष्मा अधिक होगी तो वह न जल्द गर्म होगा और न ही जल्द ठण्डा होगा। सर्वाधिक विशिष्ट उष्मा हाइड्रोजन की होती हैं। द्रव में सर्वाधिक विशिष्ट उष्मा जल की होती हैं, इसी कारण इंजन को ठण्डा करने के लिए बनाय गए रेडियटर में जल का प्रयोग करते हैं।  जल का विशिष्ट उष्मा 4200 J/kg K होता हैं या 1 k/g Celsius.  विशिष्ट ऊष्मा को 'S' द्वारा दिखाया जाता हैं।  Q  = msΔt  जहां- Q = उष्मा, m = द्रब्यमान, s = विशिष्ट उष्मा, Δt = ताप में परिवर्तन।  ➤  उष्मा धारिता ( Heat Capacity)- किसी वस्तु के तापमान को 1⁰C बढ़ाने के लिए आवश्यक उष्मा उष्मा धारिता कहलाती हैं।   इसे 'H' द्वारा दिखाते हैं।  H = ms  ➤  गुप्त उष्मा ( Latent heat)-  किसी वस्तु के आवस्था परिवर्तन के लिए दी गई ऊष्मा गुप्त उष्मा कहलाती हैं। इससे वस्तु का तापमान नहीं बढ़ता हैं।  इसे 'L' से दिखाते

about tharmameter/pyrometer/absolute temp./absolute zero temp./from basic/for 10th/12th/ssc/railway/other exam./physics

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  Click here for Biology ➤ थर्मामीटर-  तापमान को मापने के विभिन्न प्रकार के थर्मामीटर का प्रयोग किया जाता हैं।  सेल्सियस (℃) थर्मामीटर को ब्यवसाईक, फॉरेन हाईट (℉) थर्मामीटर को डॉक्टर तथा केल्विन (K) को वैज्ञानिक थर्मामीटर कहते हैं।     थर्मामीटर               न्यूनतम            अधिकतम  सेल्सियस (℃)           0                      100  फॉरेन हाईट (℉)       32                     212  केल्विन (⁰K)            273                   373  रोमर  (⁰R)               0                       80  ➤  चारो थर्मामीटर में सम्बन्ध -  थर्मामीटर - minimum       C - 0         F -  32             K  - 273          R - 0  Range (max. - min.)     100 -0     212 - 32        373 - 273      80 - 0                                          C         F -  32             K  - 273          R                                         100         180              100              80 चारो पक्षों के हर में 20 से भाग देने पर -        C         F - 32         K - 273         R